जो खामोश रहते हैं
वो लफ्जों को पिरोने का हुनर जानते हैं
जो शोलों में जलते हैं
वो मरहम का मर्म जानते हैं
जो खाते हैं धोखे
वो वफादारी की कीमत जानते हैं
जो चले मीलों सेहरा में
वो बहारों की कीमत जानते हैं
जो जीते हैं हिज्र में
वो वस्ल की अहमियत जानते हैं
इंसा कुछ कहे ना कहे
उसके सलीके से उसके सरीखे
पहचानते हैं
Kadambari
हिज्र- Sepration
वस्ल-Union
मर्म- Value
हुनर-Skill
सेहरा-Desert