स्पर्श / प्रेम

स्पर्श को प्रेम

समझ लेते हैं हम

और प्रेम को समझने का प्रयास भी

करते हैं क्या हम ?

मात्र तन को छू लेना प्रेम नहीं

वह तो स्पर्श है

जो क्षणिक और दीर्घ कुछ भी हो सकता है

प्रेम में तन से ज्यादा मन का मिलना जरुरी है

स्पर्श और प्रेम के भेद को समझना जरुरी है

इस भेद के कारण ही मीरा, राधा का प्रेम अमर है

Kadambari

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