वर्जना

नियम और वर्जनाएं किसी समाज

के विकास के लिये हों

तो सार्थक हैं, यदि ये किसी को नियंत्रित

करने के लिये हों

तो चिरकाल तक स्थायी नहीं हो सकतीं

फिर कोशिश किसी समाज, विचार

या किसी सोच या किसी जीवन को नियंत्रित

करने की हो

ये अपने जीवन तत्व का प्रवाह ढूंढ ही लेती है

Kadambari Singh

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