लफ्ज़

हर बात जो सुन लेते हैं

ख़ामोशी से

ये इक अदा भी हो सकती है

जरूरी तो नहीं

जो गुनहगार हो

वो ही खामोश रहे

जो लफ्ज़ों को बुनने का हुनर जानता है

वो अक्सर खामोश ही रहता है

Kadambari Kishore

Leave a comment