जब समय परीक्षा लेता है
कोई पक्ष में नहीं रहता है
स्वजन विपक्षी, विपक्षी स्वजन
व्यंग्य , आक्षेप, आरोप सब लगता है
यह कलयुग में नहीं हर युग में होता है
‘रणछोड़’ कृष्ण भी कहलाया है
जब समय परीक्षा लेता है
धन, मित्र, शत्रु , वैभव सब
धरा रह जाता है
लेकिन हो यदि दूरदृष्टि , कुशल नीति
लौहशक्ति, रणनीति तब मानव
पुनः रण में आता है और
कृष्ण की भांति युगद्रष्टा
कहलाता है
Kadambari