मेरी कविताएं
मेरी कहानियां
जैसे गर्मी की तपती दुपहरी में
ठंडे पानी के दो घूंट
जैसे बसंत में खलिहान और फूलों के खेत
जैसे फागुन के महीने में आया
प्रियतम का सन्देश
जैसे उसने छू लिया हो
और मैं भूली
अपना दुःख और कलेश
Kadambari
मेरी कविताएं
मेरी कहानियां
जैसे गर्मी की तपती दुपहरी में
ठंडे पानी के दो घूंट
जैसे बसंत में खलिहान और फूलों के खेत
जैसे फागुन के महीने में आया
प्रियतम का सन्देश
जैसे उसने छू लिया हो
और मैं भूली
अपना दुःख और कलेश
Kadambari