प्रतिलिपि

असंख्य चेहरे अनेकों भाव

अलग-अलग व्यक्तित्व

अलग-अलग स्वभाव

ये समझकर भी हम कई बार

किसी एक व्यक्ति की प्रतिलिपी ढूंढ़ते हैं

और यदि वो मिल जाये तो

स्वयं के मन की लिपि में बहुत कुछ

यूं कहें तो सबकुछ कह जाने की कोशिश

की अनुभूति की प्रतिलिपी सम्भव हो

तो असंख्य असम्भावनाओं को एक

प्रतिलिपि मिल जाये आ रहे कल की

Kadambari Singh

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