तू जब भी मिली

ज़िन्दगी तू जब भी मिली

टुकड़ों में मिली

कभी ख्यालों में मिली

कभी एक टुकड़ा सा हकीकत में मिली

कभी गली कभी चौराहों में मिली

कभी नज़्म कभी बज़्म तो

कभी किताबों में मिली

मिली कभी अपनी सी कभी गैरों सी मिली

कभी दैर-ओ -हरम तो कभी मयखानों में मिली

तू मिली हर जगह अलग -अलग लिबास में

ना मिली तो बस मेरे ख्वाबों ताबीर सा ना मिली

Kadambari Kishore

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