स्वच्छ, चंचल, चपल जल की धारा
जिससे सिंचित होती जीवन धारा
जो मिलता राह में धूल, कण , मिट्टी
राही या पथिक आवारा
सबका वो स्वीकार करती मान-सम्मान
जो दे पाये पथिक बेचारा
सबके अवगुण को स्वीकार करती किंतु
अपना मान ना खोती धारा
प्रेम में पावन , स्वाभिमान में निड़र
ललकारे जाने पर अकल्पनीय है जल की धारा
जग को अपना काम है प्यारा
लेकिन प्रकृति से शांत नीरव है जल की धारा
शिलाओं को भी काट सके किंतु शिला
से ना कटने वाली है जल की धारा
Kadambari