कविताएं बस लिख दी जाती हैं
जब ये भावनाओं की लड़ियों में
खुद ही खुद को पिरो कर आती हैं
कागज़ पर कलम सुध-बुध खोकर
इन्हें सजाती जाती हैं
कविताएं अतिथि सी हैं
बिना बताये अकस्मात् चली आती हैं
Kadambari Kishore
कविताएं बस लिख दी जाती हैं
जब ये भावनाओं की लड़ियों में
खुद ही खुद को पिरो कर आती हैं
कागज़ पर कलम सुध-बुध खोकर
इन्हें सजाती जाती हैं
कविताएं अतिथि सी हैं
बिना बताये अकस्मात् चली आती हैं
Kadambari Kishore