जब धर्म नहीं था
विचारधारा नहीं थी
ऊँच-नीच नहीं था
पढ़े-अनपढ़ नहीं थे
तो समाज बना
फिर पढे़-लिखे
अनपढ़ अस्तित्व में आये
और समाज कई सपनों की कब्र बना
कब्रिस्तान में मानव का रहना दुश्वार हुआ
Kadambari
जब धर्म नहीं था
विचारधारा नहीं थी
ऊँच-नीच नहीं था
पढ़े-अनपढ़ नहीं थे
तो समाज बना
फिर पढे़-लिखे
अनपढ़ अस्तित्व में आये
और समाज कई सपनों की कब्र बना
कब्रिस्तान में मानव का रहना दुश्वार हुआ
Kadambari