‘ जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है ‘ ये जो वाक्य है यही सुखी जीवन का आधार है जो स्वपन है, उसकी प्राप्ति का प्रयास है ये अगर जीवन का आधार है तो कल में कल सा कुछ नहीं सब कुछ आपके पास है Kadambari
Kadambari’s Poetry
बलात्कार
जिस समाज में मैं जीती हूँ वहाँ जीवन कम, डर ज्यादा है आधे से अधिक नज़रें आपको देखती कम आंखों से बलात्कार करती लगती हैं जिस समाज का मैं हिस्सा हूँ वहाँ पीड़ितों को शायद ही इंसाफ मिलता हो लेकिन आरोपियों को ‘पत्नी’ के रुप में फिर स्त्री मिल जाती है सोचती हूँ ” मरे… Continue reading बलात्कार
जन्म
नारी पुरुष को जन्म दे सकती है फिर पुरुष को मानव बनना क्यूँ नहीं सीखा सकती ये नारी का प्रथम कर्तव्य है कि पुरुष को ‘पुरुष’ से पहले मानव बनना सीखाये | Kadambari
वर्तमान
अतीत में जीवन स्त्रोत सूख जाता है गर मौजूद भी होता है तो ढूंढना पड़ता है ठीक वैसे ही जैसे आप मरुस्थल में पानी की एक बूँद ढूंढते हैं जहाँ उसके मिलने की आशा भी क्षीण होती है इसलिए जीवन को वर्तमान में रह कर ही जीया जा सकता है, चाहे जो हो जैसा हो… Continue reading वर्तमान
घटना
कितना सरल है किसी अमानवीय कृत्य को ‘घटना’ कहना जाति, धर्म और सोच से जोड़ना लेकिन जिस पल, जिस पर घटी होगी कितना कठिन है उस पल को जी पाना उस पल को झेल पाना , उस पल के बाद जी पाना, समाज के ताने-बाने से लड़ पाना क्यों हर बार ऐसा होता है ?… Continue reading घटना
मुद्दत
एक मुद्दत से नहीं मिले तो तू क्यूँ ये समझता है मुझे याद कुछ भी नहीं एक मुद्दत से खामोश हूँ मैं तो तू क्यूँ ये समझता है मुझे गिला तुझसे कुछ भी नहीं एक मुद्दत से गर उफ भी ना किया मैंने तो तू क्यूँ ये समझता है कि दर्द मुझे है ही नहीं… Continue reading मुद्दत
समझ
जिंदगी को जब तक शिशु की भांति सम्भालियेगा, वो डगमगाती रहेगी लड़खडा़ती रहेगी उसे उस वक्त तक ही सम्भालिये जब तक उसको आपकी ज़रुरत रहेगी फिर किशोर की तरह थोड़ा सम्भालिये थोड़ा सम्भलने दीजिए धीरे-धीरे जिंदगी को खुद सम्भलने दीजिए kadambari
परिभाषा
सुख की परिभाषा दुखी से दुख की परिभाषा सुखी से पूछेंगे या वो परिभाषित करेंगे तो सदैव कुछ अधूरा और अपूर्ण सा रहेगा बिल्कुल वैसे ही जैसे भूख और मेहनत की परिभाषा आप किसी सेठ या साहूकार से पूछे और सुख और आराम किसी भूखे या मजदूर को परिभाषित करनी हो इसलिए लोगों की बातों… Continue reading परिभाषा
हाल
तू हाल तो पूछ मेरा जवाब इस अंदाज में देंगे कि अंदाजा भी ना होगा तुझे लेकिन यकीन है मुझे तू जानता तो है क्या छुपा रहे थे तुझसे मरने का डर किसे है जी लेंगे थोड़ा तेरे साथ Kadambari
खिड़की
खोल कर रखो उम्मीद की खिड़कियों को जिंदगी के घर को सपनों की हवा तो लगे गर बंद ही रखा झरोखा तो दम तोड़ देंगे और उन सपनों की सडांध में कैसे जियोगे, क्यूँकि शहर की हवा तो पहले से ही जहरीली है और जिंदा रहने के लिये साफ हवा जरुरी है Kadambari