साथ

एक दिन साथ चलें

फिर कई बार साथ चलें

इस साथ चलने के ख्वाब में

मिलों-मिलों ख्वाब चलें

इन ख्वाबों की फिक्र में

हम सेहरा-दरिया साथ चलें

Kadambari Singh

प्रकाशित
कविता के रूप में वर्गीकृत किया गया है

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