मैं और तुम

मैं और तुम सागर और नदी से हैं नदी के बिना सागर में असीम जल नहीं सागर असीमित नहीं और सागर के बिना नदी में हर बाधा को पार कर जाने का सपना नहीं नदी के लिये कोई अपना नहीं किसी के लिए अपना सर्वस्व दे दे ऐसा कुछ उसे लगता नहीं Kadambari

जीत

उन्मुक्त उड़ान, उपयुक्त आयाम ये तो सबका स्वप्न, हर मन का अरमान लेकिन जीवन में सबकुछ नहीं मिलता जो स्वप्न में हो, जो हो अरमान यदि मानव बैठा रहे भाग्य पर देकर भार मिलता नहीं है सबको सबकुछ जब मानव ना माने हार जीत निश्चित है उसकी जो मौन हो, सह गया परिस्थिति की मार… Continue reading जीत

रंग

सब रंग साथ थे जब हम साथ थे फिर एक दिन रंगों को भी रुठने की तलब लगी वो कुछ पल के लिये रुठने की सोच रहे थे समय को रंगों की ये बात चुभ गयी और इस अनबन में हाथ से हर बात निकल गयी Kadambari

कवि हृदय

कवि हृदय होने का फायदा है कि हर मौसम में, हर हाल में कुछ लिख जाता है कवि कभी कही, कभी अनकही कभी सुनी, कभी अनसुनी मीठा और कड़वा भी कभी-कभी सत्य से परे कल्पित भी कभी-कभी Kadambari

श्रेणी

कुछ लोग लिखते हैं क्योंकि वो लिखना जानते हैं वो कुछ लिखना चाहते हैं कुछ लोग लिखते हैं क्योंकि वो जीना चाहते है जो देखा उस सच को बाँटना चाहते हैं लिखते सब हैं जो लिखना जानते हैं लेकिन कुछ लोग वो लिखते जो अधिकांश लोग समझ पाते हैं फिर ये सवाल कलम ने उठाया… Continue reading श्रेणी

साफगोई

आप जितने ही मीठे होंगे रास्तें उतने ही नमकीन होंगे रास्तें जितने ही मीठे होंगे आपको उतना ही नमकीन बना देंगे आप मीठे मतलब शख्सियत और सीरत मीठी रास्तें मीठे मतलब कर देती कई मर्तबा नीयत छोटी Kadambari

प्रमाणपत्र

वो जीती रही समाज के नियमों के अनुसार इस सोच और ड़र से समाज देगा प्रमाणपत्र और अपनी ओछी हरकतों को छुपाने के लिये अपनी करतूतें कर देगा सब कुछ उसके नाम फिर उसने गौर से समाज का चेहरा देखा तो उसने जाना ‘जिस समाज का कोई चरित्र स्वयं नहीं, क्या उसके प्रमाणपत्र की जरुरत… Continue reading प्रमाणपत्र

हुनर

जो खामोश रहते हैं वो लफ्जों को पिरोने का हुनर जानते हैं जो शोलों में जलते हैं वो मरहम का मर्म जानते हैं जो खाते हैं धोखे वो वफादारी की कीमत जानते हैं जो चले मीलों सेहरा में वो बहारों की कीमत जानते हैं जो जीते हैं हिज्र में वो वस्ल की अहमियत जानते हैं… Continue reading हुनर