आधार

क्या जीवन की त्रास रही जो भी मन में आस रही क्या खोया, क्या पाया इसकी भी क्या तलाश रही जो मिला उसे कैसे अपनाया जो नहीं मिला उसे कैसे बिसराया उन क्षणों में कैसे अड़िग, अचल रही किसी आधारविहीन पलों में किस आधार रही यही लेखनी का आधार रही

कागज़

क्यूँ कभी-कभी स्त्री की देह कुछ भी लिखने के लिए दुनिया की सबसे बेहतरीन कागज़ है इस पर लिखा मिटता नहीं और सहेजने का खर्च भी नहीं इसलिये शायद Kadambari Singh

किस्से में हिस्सा

जिन राहों में आप अकेले चलें उन राहों से मिली मंज़िलों पर उनका भी एक हिस्सा है आप की कामयाबी में जो इन अकेली राहों में कुछ कदम भी साथ चले आपके कामयाबी के किस्से में हिस्सा है उनका Kadambari Singh

जंगल आत्महत्या नहीं करते

जंगल आत्महत्या नहीं करते जंगलों की हत्या होती है पेड़ जीवन जीने की जिजीविषा से होते हैं परिपूर्ण वो हारना नहीं लड़ना जानते हैं लेकिन नहीं होता कोई क्रंदन उनकी मृत्यु पर नहीं होती कोई जाँच नहीं होता दर्ज कोई मुक़दमा क्यों ? Kadambari Singh

रुदन

रुदन एक हलवाई जिसके पास थी एक छोटी सी दुकान अपनी ज़मीन पर और उसकी आदत थी शराब पीने की पत्नी इस आदत से परेशान एक दिन उसकी ज़मीन खो गयी कहीं भू माफिया या सूदखोरी का उम्दा प्रमाण Kadambari Singh

रोजी

सुबह की नज़्म जैसे खुदा ने खुद हाथों पर सुबह बिन कुछ किये आज के लिए आज की रोजी रख दी हो। Kadambari Singh

इलायची

इश्क़ की खुशबू इलायची जैसी धीमी – धीमी भीनी – भीनी सी अच्छी लगती है उस इश्क़ में मज़ा नहीं जो इलायची के जैसे पेश कर दी जाये Kadambari Singh

प्रत्युत्तर

‘ हर बार पता बदल लेती हो क्यूँ ? ‘ बदले हुए हालात में बदला लेने से अच्छा है पता बदल लो उसने उत्तर दिया उसके प्रत्युत्तर में अब कोई प्रश्न नहीं था। Kadambari Singh

अलि

फूल और अलि इनकी बातें गली -गली इस ओर चलीं, उस ओर चलीं करके सबको मदहोश चलीं अलि क्यूँ बावरा उसका है ? फूल उस पर न्योंछावर क्यूँ होश चली ? Kadambari Singh अलि- Black Bee