रणछोड़

जब समय परीक्षा लेता है कोई पक्ष में नहीं रहता है स्वजन विपक्षी, विपक्षी स्वजन व्यंग्य , आक्षेप, आरोप सब लगता है यह कलयुग में नहीं हर युग में होता है ‘रणछोड़’ कृष्ण भी कहलाया है जब समय परीक्षा लेता है धन, मित्र, शत्रु , वैभव सब धरा रह जाता है लेकिन हो यदि दूरदृष्टि… Continue reading रणछोड़

मैं और तुम

मैं और तुम सागर और नदी से हैं नदी के बिना सागर में असीम जल नहीं सागर असीमित नहीं और सागर के बिना नदी में हर बाधा को पार कर जाने का सपना नहीं नदी के लिये कोई अपना नहीं किसी के लिए अपना सर्वस्व दे दे ऐसा कुछ उसे लगता नहीं Kadambari

जीत

उन्मुक्त उड़ान, उपयुक्त आयाम ये तो सबका स्वप्न, हर मन का अरमान लेकिन जीवन में सबकुछ नहीं मिलता जो स्वप्न में हो, जो हो अरमान यदि मानव बैठा रहे भाग्य पर देकर भार मिलता नहीं है सबको सबकुछ जब मानव ना माने हार जीत निश्चित है उसकी जो मौन हो, सह गया परिस्थिति की मार… Continue reading जीत

रंग

सब रंग साथ थे जब हम साथ थे फिर एक दिन रंगों को भी रुठने की तलब लगी वो कुछ पल के लिये रुठने की सोच रहे थे समय को रंगों की ये बात चुभ गयी और इस अनबन में हाथ से हर बात निकल गयी Kadambari

कवि हृदय

कवि हृदय होने का फायदा है कि हर मौसम में, हर हाल में कुछ लिख जाता है कवि कभी कही, कभी अनकही कभी सुनी, कभी अनसुनी मीठा और कड़वा भी कभी-कभी सत्य से परे कल्पित भी कभी-कभी Kadambari

श्रेणी

कुछ लोग लिखते हैं क्योंकि वो लिखना जानते हैं वो कुछ लिखना चाहते हैं कुछ लोग लिखते हैं क्योंकि वो जीना चाहते है जो देखा उस सच को बाँटना चाहते हैं लिखते सब हैं जो लिखना जानते हैं लेकिन कुछ लोग वो लिखते जो अधिकांश लोग समझ पाते हैं फिर ये सवाल कलम ने उठाया… Continue reading श्रेणी

साफगोई

आप जितने ही मीठे होंगे रास्तें उतने ही नमकीन होंगे रास्तें जितने ही मीठे होंगे आपको उतना ही नमकीन बना देंगे आप मीठे मतलब शख्सियत और सीरत मीठी रास्तें मीठे मतलब कर देती कई मर्तबा नीयत छोटी Kadambari