समय के चूल्हे पर चढ़ा है सपनों का पकवान हौसलों के बर्तन में डाला सुख-दुख का सामान जोश का ईंधन है सब्र की थाली से ढका सब अरमान संतोष की पात पर वक़्त परोसेगा सबके सपनों के पकवान Kadambari
Author: Kadambari Singh
कभी सोचा था
कभी सोचा था मौत इतनी शांत लेकिन इतनी क्रूरतम रूप में आयेगी कि अपनों को ना छूने देगी ना ही जी भर कर रोने देगी ना ही हम उनके साथ जायेंगे उनकी आखिरी मंज़िल तक ना ही हम ये कह पाएंगे कि हम साथ थे उनके उनकी आखिरी सांस तक कादंबरी
प्लेटफार्म या इंजन
प्लेटफार्म सी जिंदगी जहाँ रेलगाडियाँ रुके जब वह चाहें या जब जरुरत हो और आप की इच्छा या हित कुछ भी ना हो या फिर रेलगाड़ी के इंजन सा चलें हम जब हम चलें तो बदलाव की हवा चले साथ चलें और बदलाव के अगुयायी बनें Kadambari
चाँद
बिम्ब
नदी का किनारा खामोश उसकी धारा उस पर चाँद दाग के साथ इतराता प्यारा-न्यारा चाँदनी का उम्मीद से नाता न्यारा जुगनुओं का पहरा हो जैसे हर पल सारा चाँदी सी चमकती मछलियों का धारा में बिम्ब मन को हरता पल-पल सेज सा बिछा दूर्वा का चादर तट पर और उस पर चाँद का प्रतिबिम्ब सहज,… Continue reading बिम्ब
समय के साथ चलने वाले
समय की सोच कर चलने वाले समय के साथ चलने वाले समय से आगे चलने वाले चल तो मानव ही रहा है लेकिन समय की सोच कर चलने वालों के साथ भीड़ समय के साथ चलने वालों के साथ समाज समय से आगे चलने वाले अकेले होते हैं अंतिम पंक्ति के लोग लक्ष्य , ध्येय… Continue reading समय के साथ चलने वाले
शब्द जाल
कितना सरल है शब्दों में उलझना और उलझाना कितना शांत है अपने शब्दों को आप ही साधना अपने मौन के साथ साधना Kadambari
विषाणु
विडंबना देखिये आपसी रिश्तों को बचाने के लिये एक-दूसरे के साथ वक्त बिताने के लिए हमें विषाणु ने बाध्य किया वरना हम तो व्यस्त थे अपनी आधुनिक उपभोक्तावादी जीवन में अचम्भित हूँ देश-विदेश एक एकता के सूत्र में बंधे विषाणु से अपनी और सबकी रक्षा के लिये नहीं तो सब व्यस्त थे एक-दूसरे के अधिकारों… Continue reading विषाणु
महक
किसी की यादों से जिंदगी महकती रही उसकी ही यादों में गिरती-सम्भलती रही ये जिंदगी! इसे चलनी थी चलती रही हँसते-गुनगुनाते अपने सपनों को जिंदगी सँवारती रही Kadambari
कब्र
जब धर्म नहीं था विचारधारा नहीं थी ऊँच-नीच नहीं था पढ़े-अनपढ़ नहीं थे तो समाज बना फिर पढे़-लिखे अनपढ़ अस्तित्व में आये और समाज कई सपनों की कब्र बना कब्रिस्तान में मानव का रहना दुश्वार हुआ Kadambari