फलक

खामोशियाँ जिस दिन पढ़ ली जाएंगी

उस दिन सौ मुश्किलें

बिना कहे आसान हो जाएंगी

अदालते भी गवाही और गवाह के

रस्म से बरी हो जाएंगी

उफ़!!!!!

ये शौक मेरे अजीबो- गरीब

मुझे ज़मीं से फलक तलक

लेकर जाएंगी।

Kadambari Kishore

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