शादी कब करोगी बेटी की?
कुछ सोचा है?
कोई वर देखा है?
कभी माँ, कभी पिता को इन सवालों से
मुक्त करने के लिये
कभी अजीब सी हालत से बचने के लिये
कभी शादी को मोक्ष मानकर मुक्ति के लिये
कुछ लड़कियाँ कर लेती है शादी
अब पत्नी से माँ कब बनोगी?
कुछ नयी ख़बर कब दोगी?
पूछा जाता है तब तक
जब तक वह नहीं मांगती मदद
मगर नहीं बनने दिया जाता
जो वह बनना चाहती हैं
लेकिन कुछ हैं
जो वह बनना चाहती हैं
बनकर रहती हैं
वह जानती हैं
कोई तो होगा जो उनको समझेगा
उनके ज़ख्मों पर मरहम सा होगा
Kadambari Kishore