एक खिड़की

एक खिड़की

ऐसी होनी ही चाहिये

जहाँ से चाहे वह घर हो, ऑफिस हो

रसोई हो या ज़िन्दगी

जिसमें सुख -दुख की खिचड़ी पकी हो

इनके लिये साफ ताज़ी बयार

बदलाव की हवा आती रहे

ज़िन्दगी किसकी मुकम्मल है

किसको यहाँ रहना है हमेशा

ये बात हौले से छूकर हमें

समझाती रहे

Kadambari Kishore

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