तुझसे मिलने में जो सुकून है
तुझसे बिछड़ने में जो टीस है
उन सबके बीच में
दिन- रात
महीने से साल
एक पहर से दोपहर
के होने, बदल जाने की खबर नहीं
थोड़ा अजीब लेकिन यही फ़साना है
Kadambari Singh
तुझसे मिलने में जो सुकून है
तुझसे बिछड़ने में जो टीस है
उन सबके बीच में
दिन- रात
महीने से साल
एक पहर से दोपहर
के होने, बदल जाने की खबर नहीं
थोड़ा अजीब लेकिन यही फ़साना है
Kadambari Singh