लड़कियाँ जो भूल जाती हैं
पारिजात, रातरानी के पौधे लगाकर
छोड़ आती हैं घर
जहाँ वो चली थीं पापा की उँगली पकड़कर
संभाली थी माँ की रसोई जहाँ
बाँधी थी भाई को राखी
ज़िन्दगी की दौड़ भाग में भूल जाती हैं जब
तब वो पौधे अपने फूलों की खुशबू से
महका देते हैं आँगन
और भूलने नहीं देते सबको
ताज़ा रखते हैं उनकी यादें
Kadambari Kishore