बेपता, बेपरवाह कविताएं नहीं होतीं
कोई नज़्म गुमनाम नहीं होती
कोई शायर बेनाम नहीं होता
हर अफ़साने का अंजाम होता है
इन सब बातों के मायने है तब तक
जब तक वक़्त मेहरबान नहीं होता
Kadambari Kishore
बेपता, बेपरवाह कविताएं नहीं होतीं
कोई नज़्म गुमनाम नहीं होती
कोई शायर बेनाम नहीं होता
हर अफ़साने का अंजाम होता है
इन सब बातों के मायने है तब तक
जब तक वक़्त मेहरबान नहीं होता
Kadambari Kishore