हिस्सा

हम उस समाज का हिस्सा हैं

जहाँ प्यार से रहने की बात करते हैं

लेकिन प्यार करने से डरते हैं

हम उस समाज का हिस्सा हैं

जहाँ रिश्ता करके उसमें प्यार ढूंढा जाता है

प्यार करके रिश्तों में नहीं बंधा जाता है

हम उस समाज का हिस्सा हैं

जहाँ प्यार के रिश्ते से ज्यादा रिश्तों में प्यार ढूंढा जाता है

लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो समाज

में रहकर भी उसके इन रिवाजो़ का हिस्सा नहीं

और उन जैसे लोग ही सवाल उठाते हैं

इन जैसे रिवाजो़ पर

Kadambari Singh

प्रकाशित
कविता के रूप में वर्गीकृत किया गया है

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