थोड़ी सी खुशियों के लिये
वक्त ने पसार दिये
आसमान आँचल में
इस उम्मीद से कि वो नाउम्मीद ना हो
कुछ नायाब हीरे डाले उसके आँचल में
कि अंधेरी-अकेली रातों में वो गुम ना हो
कुछ अजनबी से दोस्त दिये
कि अपनों के छोड़ जाने का उसे दर्द ना हो
वस्ल से महरुम रखा
कि वो बता सके क्या है जब
हिस्से में हिज्र हो
थोड़ी खुशियों के लिये
वक्त ने पसार दिये आसमान आँचल में
Kadambari