यदि समाज का भय आपकी कलम को रोकता है
तो यह सिद्ध है आप निर्भय नहीं हैं
और आपका यह भय आपकी कलम पर
परिलक्षित होता है और प्रभावित लेखनी
होती है
ठीक उस तरह जैसे समुद्र में आया भूकम्प
सुनामी के रुप में परिलक्षित होता है
लेकिन उससे प्रभावित समुद्र-तट के
वनस्पति , पशु-पक्षी और मनुष्य होते हैं |
Kadambari