उलझी -सुलझी
आड़ी- टेढ़ी
मोटी -पतली
काली -गोरी
सब गलियों से गुजरी
करती हँसी-ठीठोली
वो मैं नहीं
वो तुम नहीं
वो जिंदगी थी
जिसका है वक़्त हमजोली
Kadambari Kishore
उलझी -सुलझी
आड़ी- टेढ़ी
मोटी -पतली
काली -गोरी
सब गलियों से गुजरी
करती हँसी-ठीठोली
वो मैं नहीं
वो तुम नहीं
वो जिंदगी थी
जिसका है वक़्त हमजोली
Kadambari Kishore