स्पर्श

शब्द तब तक स्वतंत्र हैं

जब तक भावनाओं से नहीं बंधे

भावनाओं का स्पर्श पाते ही

वे रंग जाते हैं

उनके ही रंग में

जैसे रंगी है राधा कृष्ण के रंग में

Kadambari Kishore

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