कभी पढ़ ली जाती हैं
खामोशियाँ भी
और कभी शब्द भी बेजुबां से
रह जाते हैं
है रह जाता बहुत कुछ
आते -जाते लम्हों में
कभी -कभी एक लम्हें में
बहुत कुछ रह जाता है
एक लम्हें में
बहुत कुछ का रह जाना
है सीप में मोती का रह जाना
Kadambari Kishore
कभी पढ़ ली जाती हैं
खामोशियाँ भी
और कभी शब्द भी बेजुबां से
रह जाते हैं
है रह जाता बहुत कुछ
आते -जाते लम्हों में
कभी -कभी एक लम्हें में
बहुत कुछ रह जाता है
एक लम्हें में
बहुत कुछ का रह जाना
है सीप में मोती का रह जाना
Kadambari Kishore