व्यथा

व्यथा से व्यथित नहीं

व्यवस्था की अव्यवस्था से व्यथित

है जनमानस, जानते हो क्यूँ

” थाली में सबकी रोटी नहीं

सिर पर सबके छत नहीं

तन पर वस्त्र नहीं

कपडो़ं में ढ़की नारी भी सुरक्षित नहीं”

लेकिन इन सबका हमारे पास हल नहीं

और सामना करना ही है हमें

Kadambari

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