वर्तमान

अतीत में जीवन स्त्रोत सूख जाता है

गर मौजूद भी होता है तो ढूंढना पड़ता है

ठीक वैसे ही जैसे आप मरुस्थल में पानी

की एक बूँद ढूंढते हैं

जहाँ उसके मिलने की आशा भी क्षीण

होती है

इसलिए जीवन को वर्तमान में रह कर ही

जीया जा सकता है, चाहे जो हो

जैसा हो लेकिन हर हाल में, हर पल में

Kadambari

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