महक

किसी की यादों से

जिंदगी महकती रही

उसकी ही यादों में

गिरती-सम्भलती रही

ये जिंदगी! इसे चलनी थी

चलती रही

हँसते-गुनगुनाते अपने सपनों

को जिंदगी सँवारती रही

Kadambari

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