नये रंग

कही- अनकही

जाना- अनजाना

सुना- पहचाना

सब देखते- सुनते

ये जाना

जाने – पहचाने रास्तों पर

चलना आसान तो है

लेकिन उन रास्तों पर चलती भीड़ में

खुद की पहचान खो जाने का डर है

अलग रास्ते नयी मंज़िलों का पता देते हैं

जहाँ नये सपनें, नये अरमान

इक नया रंग भर देते हैं

Kadambari Kishore

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