ऐसी बानी बोलिये
मन भी आपा खोय
आपहुँ को बावरा करे
जग भी बावरा होय
बानी की यह कुगति-दुर्गति
देख कबीरा रोय
दो पाटन के बीच में
साबुत रहन दे मोय ।
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नौ सौ चूहे मारकर
हम हज पर जायेंगे
कोई हमें हाजी कहे ना कहे
अपनी पीठ खुद ही थपथपाएंगे।
Kadambari Kishore