घूंघट

” घूंघट में सबकुछ छिप जाता है?

नहीं!!! घूंघट में रुप छनकर आता है “

इसमें छिपा गूढ़ अर्थ है

घूंघट विचार का , सोच का , व्यवहार का

लेखनी का , अभिव्यक्ति का , अभिवादन का

स्त्रियों को देखने का , उन्हें समझने का

‘घूंघट’ उस संदर्भ में कि हर व्यवहार को

करने से पहले सोच- समझ लें

तो हर अभिव्यक्ति मर्यादित होगी

घूंघट नारी के लिये नहीं

नारी को देखने के नजरिये के लिए

जरुरी है

Kadambari

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