कविताएं

कविताएं बस लिख दी जाती हैं

जब ये भावनाओं की लड़ियों में

खुद ही खुद को पिरो कर आती हैं

कागज़ पर कलम सुध-बुध खोकर

इन्हें सजाती जाती हैं

कविताएं अतिथि सी हैं

बिना बताये अकस्मात् चली आती हैं

Kadambari Kishore

Leave a comment