सबकी लम्बी उम्र की दुआएँ मांगती हम औरतें
सबकी सलामती की दुआएंँ मांगती हम औरतें
बस मायके से ससुराल और ससुराल से मायके आती- जाती हम औरतें
राखी से तीज,करवे मनाती हम औरतें
कभी सोचा है कितनी उदार, वत्सला, जीवनदायिनी होती हैं हम औरतें
‘बाबा एक बात सुनो’ कहकर पिता की लाज
रखती हम औरतें
बाबा की लाडली होकर भी लाड-प्यार छोड़ती हम औरतें
नहीं छोड़ती उन नियमों को इसलिए तो जगतजननी हैं हम औरतें
लेकिन बाबा सुनो ‘ अब कितना और सहेंगी हम औरतें कब तक समाज की बलि चढे़ंगी हम औरतें’
Kadambari Singh